शुक्रवार, 24 जनवरी 2020

Rich Dad Poor Dad Book Summary In Hindi || Best Finance And Business Book 2020

धनी पिता गरीब पिता लघु सारांश (Rich Dad Poor Dad Short Summary)

=> हेलो दोस्तों आज में आपको एक कारण बताउंगा कि क्यों कुछ लोग बहुत अमीर बन जाते है ओर क्यों जयादा लोग गरीब या मिडिल क्लास रह जाते है |


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=> रोबर्ट नाम का एक लड़का था जिसके दो पिता थे आप कुछ गलत समझ ले इससे पहले में आपको बता दू पहले उसके खुद के पिता थे और दूसरे उसके दोस्त के पिता थे जिसे वे अपने अमीर पिता भी कहते थे. पहले वाले पिता ने पीएचडी (P.H.D) कर रखी थी जबकि दूसरे वाले पिता 8th पास भी नहीं थे दोनों बहुत ही स्मार्ट एंड हार्ड वर्किंग थे पर दोनों की सोच बहुत अलग थी और रॉबर्ट को दोनों अलग-अलग बातें सिखाते थे पहले पिता बोलते थे कि रुपए सारे फसाद की जड़ है और दूसरे पिता बोलते थे कि रुपए ना होना सारे फसाद की जड़ है| पहले पिता रॉबर्ट को हमेशा महंगी चीज सोचने के बारे में मना करते थे और कहते थे कि वह हमारी औकात से बाहर है और दूसरे पिता उनसे कहते थे कि वह सोचे और अलग-अलग रास्ते ढूंढे जिससे वह सारी महंगी चीज खरीद सकें यह करने से उनका दिमाग तेज होगा और नए आइडिया भी मिलेंगे |

पहले पिता उनसे कहते थे कि खूब मेहनत कर अच्छे से पढ़ लिख ताकि तुझे बड़ी कंपनी में नौकरी लगे और तू बड़ा इंसान बन पाए | जबकि दूसरे पिता कहते थे कि तू खूब पढ़ाई कर मेहनत कर ताकि खुद की कंपनी खोल सके जिससे तुम दूसरे लोगों को खूब सारी नौकरियां दे पाए |

रॉबर्ट के पास एक लाभ (Advantage ) था कि उसने अपने दोनों पिता को अलग-अलग तरीके के साथ बढ़ते और तरक्की करते हुए देखा था | उसने अपना दिमाग लगाया और अपने दूसरे पिता की बात मानी और फॉलो की जो कि बाद में मियामी फ्लोरिडा का सबसे अमीर इंसान बना और उनके सिखाएं बातों से उन्होंने खुद से करोड़ों कमाए | जबकि उनके खुद के पिता जिंदगी भर गरीब रह गए |

सबसे इंपॉर्टेंट बातों में एक बात है जो रॉबर्ट ने अमीर पिता से सीखे वह थी वित्तीय साक्षरता (Financial literacy). इसका मतलब है संपत्ति (Asset) और देनदारियों (Liabilities) के बीच का अंतर जानना | अब आप ध्यान से देखिए यह नॉर्मल कॉमर्स में बताये गए मीनिंग से थोड़ा अलग है |

रॉबर्ट ने काफी आसान शब्दों में उसका मतलब बताया है जो कि कुछ इस तरह है | 

संपत्ति (Asset) कोई भी वह चीज होती है जो आपको पैसा बना कर दे या फिर आपके जेब में पैसा डाले और  देनदारी (Liabilities) वह चीज होती है जो आपके जेब से पैसा ले ले या आपके पैसे खत्म करें | अमीर लोग इसलिए अमीर होते हैं क्योंकि वह अपनी संपत्ति बनाते हैं जबकि मिडिल क्लास लोग बस देनदारियों पर खर्च करते हैं |

उदाहरण के लिए राज और राहुल नाम के दो मित्र थे और दोनों सेम पोजिशन और सेम सैलरी में काम करते थे और जब उन्हें सैलरी मिलती तो राज अपनी सैलरी से नए कपड़े नए गैजेट नए फोन बाइक और कार खरीदता था जो उसे अमीर जैसा अनुभव कराते थे | पर वह यह नहीं समझता था कि यह सारी चीजें देनदारियों (Liabilities) है जो उससे उसके पैसे ले रही है ना कि उसे पैसे दे रही थी| जब वह उन्हें खरीदता है बल्कि आगे भी मेंटेनेंस जैसी चीजों के लिए जिसकी वैल्यू खत्म के साथ कम हो जाएगी और ना ही उसे आगे कुछ पैसों का लाभ ( Profit) देगी |

परंतु राहुल ऐसा नहीं था वह यह सारी चीजें नहीं खरीदता था जब तक कि उसके लिए बहुत जरूरी ना हो वह चीज खरीदना | वह पैसे जमा करता था और संपत्ति पर खर्च करता था जैसे कि स्टॉक, बॉन्ड, रियल स्टेट | वह खर्च करता था अपनी खुद की स्किल बढ़ाने के लिए कुछ सीखने के लिए जो उसे आगे और पैसे बनाकर दे | 

5 साल बाद राहुल करोड़पति बन गया जबकि राज वैसे का वैसा अपनी कम सैलरी को कोसता रह गया और कहता था कम सैलरी उसके मिडिल क्लास होने की वजह है |

एक गरीब इंसान का नकदी प्रवाह (cash flow) थोड़ा सा अलग होता है जैसे ही उसे पैसे मिलते हैं और वह पैसे जरूरी खर्चों और देनदारियों (Liabilities) मैं खत्म कर देता है इसीलिए मिडिल क्लास और गरीब में ज्यादा फर्क नहीं होता है और मिडिल क्लास लोगों को लगता है कि उनका घर उनके लिए संपत्ति है पर ऐसा नहीं है क्योंकि आपका घर आपको पैसे बनाकर नहीं देता जब तक कि आप उसको किराए पर ना दो |

जबकि अमीर लोगों का नकदी प्रवाह (cash flow) कुछ इस तरह होता है कि जैसे ही उन्हें पैसे मिलते हैं वह उस पैसों से अपनी संपत्ति बनाते हैं और फिर उससे बने पैसों से खर्चा करते हैं इसलिए वह अमीर होते जाते हैं उनकी इनकम के जरिए बढ़ते जाते हैं |

अगर आपको अमीर बनना है तो यह बात याद रखो कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना कमा रहे हैं बल्कि इस बात से फर्क पड़ता है कि आप उन पैसों को आप कहां खर्च कर रहे हैं यह जरूरी है | आपको उपभोक्ता (Consumer) की सोच से बाहर आकर निवेशक (Investor) की सोच अपनानी पड़ेगी |

लोग शिकायत करते हैं कि उनकी खराब अवस्था (Condition) का कारण उनकी कम सैलरी है और अगर सैलरी बढ़ेगी तो वह आराम से रहेंगे पर प्रॉब्लम यह है कि आय (Income) बढ़ने के बाद लोगों के खर्चे ज्यादा बढ़ जाते हैं क्योंकि पैसे ज्यादा चीजें खरीदने पर मजबूर करता है जैसे कि फोन कार और घर परंतु यह सब देनदारियों (Liabilities) है जो आपको अमीर बनने नहीं देगी |

ये थी इस बुक इस शार्ट सारांश इवन ये मेरी लाइफ की फर्स्ट बुक है जिसे पड़ने के बाद मेने अपने आप में चेंज देखा |

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6 टिप्‍पणियां:

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